Tuesday, May 29, 2007

बेलनटाइन

रिसर्च करने वालों ने अभी-अभी ये सिद्ध किया है,
कि वैलेंटाइन का जन्म भारत में हुआ है।
रिसर्च का कारण था,
बेलन जिसके साथ जुड़ा होगा,
उसका श्रीगणेश ज़रूर भारत में हुआ होगा।

शोध करने वालों ने पता लगाया,
गुजरात में इसकी जड़ को पाया।
क़रीब चार सौ वर्ष पहले, एक पटेल,
अपनी पटेलन को बहुत तंग करता था,
नतीजा आख़िर वही हुआ जो होना था।
तंग आकर पटेल ने बदला ले लिया,
पटेल को उसने अपने बेलन से बेल दिया।

पटेलन की बहादुरी की ख़बर,
पहले आस-पास, फिर पूरे गुजरात में फैल गई,
पटेलों की तो पूरी इज़्ज़त ही उछल गई।
घटना तो हुई, छिपा नहीं सकते थे,
अपनी मूँछें भी, झुका नहीं सकते थे,
इसीलिए, उन्होंने यह ख़बर फैलाई
कि, पटेल की हुई नहीं हुई पिटाई।
वारदात गुस्से में नहीं, प्यार में हुई है
बेलन की मार इकरार में सही है।
सभी औरतें बेलन से बार सकती है।
और, अपने प्यार को डज़हार कर सकती है।

तब से इस दिन को प्यार का दिन मान लिया,
पति ने पत्नी को उपहार और सम्मान दिया।
घटना के इस दिन को पर्व मान लिया गया।
सब शादीशुदा इस दिन को मनाने लगे,
बिना शादी वाले भी इसका फ़ायदा उठाने लगे।

जब भारत में अंग्रेज़ आए तो उन्हें यह पर्व भाया,
उन्होंने भी इसे मनाया, और इंग्लैंड तक पहुँचाया।
इस तरह, देश विदेश,
सब जगह इसे मनाया जाने लगा,
किंतु अपभ्रंश में बेलन टाइम के बजाय
बेलनटाइन कहलाने लगा।।

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